पहली तिमाही में महिलाएं रहीं बॉक्स ऑफ़िस ‘क्वीन’

मुंबई: साल 2014 की पहली तिमाही बॉक्स ऑफ़िस के लिए बहुत उत्साहदायी नहीं रही है। जनवरी से मार्च तक 45 फ़िल्में रिलीज़ हुई हैं, जिनमें से सिर्फ़ एक फ़िल्म ने ₹100 करोड़ के मैजिकल फिगर को पार किया है। कुछ फ़िल्में ₹100 करोड़ का बिजनेस तो नहीं कर सकी हैं, लेकिन लागत के हिसाब से वो फ़ायदे में रही हैं। मगर, ज़्यादातर फ़िल्में फ़्लॉप रही हैं।

सलमान ख़ान की फ़िल्म ‘जय हो’ अकेली फ़िल्म है, जिसने ₹111 करोड़ का कलेक्शन किया, लेकिन बजट को देखते हुए ये फ़िल्म बहुत ज़्यादा फ़ायदे में नहीं रही। साल के पहले क्वार्टर की बड़ी हिट्स का दर्ज़ा कंगना राणावत की फ़िल्म ‘क्वीन’, सनी लियोनी स्टारर ‘रागिनी एमएमएस 2’ और ‘यारियां’ को गया है।

क्वीन
क्वीन

‘क्वीन’ ने जहां ₹58 करोड़ का बिजनेस किया, वहीं ‘रागिनी एमएमएस-2’, ₹47 करोड़ जमा कर चुकी है। जबकि ‘यारियां’ ने ₹40 करोड़ का बिजनेस किया। इस फ़िल्म से टी-सीरीज़ के बॉस भूषण कुमार की पत्नी दिव्या खोसला कुमार ने बतौर डायरेक्टर डेब्यू किया।

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‘क्वीन’ और ‘रागिनी एमएमएस-2’ जहां महिला चरित्र प्रधान फ़िल्में हैं, वहीं ‘यारियां’ की डायरेक्टर महिला है। ज़ाहिर है, कि पहली तिमाही में वुमन पॉवर का बोलबाला रहा है। लागत के हिसाब से ये फ़िल्में इस क्वार्टर की सबसे बड़ी हिट फिल्म्स बन गई हैं।

यशराज बैनर की बड़ी रिलीज़ ‘गुंडे’ ने क़रीब ₹76 करोड़ का बिजनेस किया। वहीं, ‘शादी के साइड इफ़ेक्ट्स’ और ‘हाइवे’ जैसी फ़िल्में एवरेज रही हैं। ‘शादी के साइड इफ़ेक्ट्स’ ने जहां ₹34 करोड़ का बिजनेस किया, वहीं ‘हाइवे’ ₹27 करोड़ की कमा सकी।

इस साल माधुरी दीक्षित ने ‘डेढ़ इश्क़िया’ से बड़े पर्दे पर वापसी की, लेकिन फ़िल्म ₹27 करोड़ कमाकर औसत से नीचे रही, वहीं उनकी दूसरी फ़िल्म ‘गुलाब गैंग’ ₹14 करोड़ कमाकर फ़्लॉप करार दी गई। सिद्धार्थ मल्होत्रा की दूसरी फ़िल्म ‘हंसी तो फंसी’ ₹35.5 करोड़ कमाकर औसत से ऊपर रही है।

आयुष्मान खुराना-सोनम कपूर की बेवकूफ़ियां (₹14 करोड़), यामि गौतम-अली ज़फ़र की टोटल सियापा ( ₹6 करोड़), अभय देओल की वन वाई टू (₹2.5 करोड़) और सनी देओल-हरमन बावेजा की ढिश्कियाऊं (₹6 करोड़) इस क्वार्टर की ऐसी असफल फ़िल्में हैं, जिनसे काफी उम्मीदें थीं।

2014 की पहली तिमाही में बॉलीवुड को क़रीब ₹530 करोड़ मिले हैं। ये आंकड़ा बहुत एक्साइटिंग नहीं है, लेकिन उम्मीद अभी बाक़ी है, क्योंकि आगे के महीनों में कुछ बड़ी और दिलचस्प फ़िल्में रिलीज़ होने वाली हैं, जो हिंदी सिनेमा में कमाई के नए कीर्तिमान बना सकती हैं।

(कलेक्शन के आंकड़ों में उतार-चढ़ाव संभव है। आंकड़े ट्रेड सोर्सेज से लिए गए हैं)