‘इरोटिका-हॉरर-मर्डर’ से ऊब चुका भट्ट कैंप?

मुंबई: भट्ट कैंप की क़ामयाबी की बुनियाद तीन जॉनर्स पर टिकी है- इरोटिका, हॉरर और मर्डर। इस कैंप की ज़्यादातर क़ामयाब फ़िल्में इन्हीं तीन जॉनर्स के इर्द-गिर्द घूमती हैं। पर लगता है, कि भट्ट कैंप इन ज़ॉनर्स से ऊब चुका है। इसलिए विशेष फ़िल्म्स का फोकस अब सादगी भरी लव स्टोरीज़ पर है।

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सिटीलाइट्स के इवेंट में हंसल, राजकुमार, पत्रलेखा और महेश।

बैनर की लेटेस्ट फ़िल्म ‘सिटीलाइट्स’ है, जिसे हंसल मेहता ने डायरेक्ट किया है, जबकि राजकुमार राव और उनकी रियल लाइफ़ गर्ल फ्रेंड पत्रलेखा फ़िल्म में लीड रोल्स निभा रहे हैं। फ़िल्म क बारे में बात करते हुए महेश भट्ट ने कहा-

“हमें आज़माए हुए माध्यम इरोटिका-हॉरर-मर्डर से आगे बढ़ने की ज़रूरत थी। ‘आशिक़ी 2’ बड़ी हिट रही, जिसने साबित किया, कि अगर इरोटिका को छोड़कर एक सादगी भरी प्रेम कहनी दिखाई जाए, जिसमें आसूं हों, तो ज़्यादा बिजनेस हो सकता है।”

इसी कड़ी में विशेष फ़िल्म्स की अगली पेशकश ‘सिटीलाइट्स’ है। ये प्रेम कहानी है दीपक और उसकी पत्नी की, जो राजस्थान से मुंबई अपने सपने पूरे करने आते हैं। हालात का शिकार होकर दीपक की पत्नी को बार डांसर का काम करना पड़ता है। 30 मई को रिलीज़ हो रही ‘सिटीलाइट्स’ को विशेष फ़िल्म्स के साथ फॉक्स स्टार स्टूडियोज़ ने प्रोड्यूस किया है।