मुंबई। Kota Srinivas Rao Death: तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज अभिनेता कोटा श्रीनिवास राव का 83 साल की उम्र में 13 जुलाई को हैदराबाद के फिल्मनगर स्थित आवास पर निधन हो गया। वो काफी समय से बीमार चल रहे थे।
तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में उनके निधन से शोक की लहर छा गई है। चिरंजीवी, राम चरन, पवन कल्याण, जूनियर एनटीआर, नागा चैतन्य, नागार्जुन अक्कीनेनी, अल्लू अर्जुन, राम गोपाल वर्मा समेत कई कलाकारों और फिल्मकारों ने कोटा श्रीनिवास राव के निधन पर दुख जताया।
वहीं, रितेश देशमुख और जिनिलिया देशुख ने भी सोशल मीडिया के जरिए अफसोस जाहिर किया। जिनिलिया ने उनके साथ स्क्रीन स्पेस भी शेयर किया था।

750 फिल्मों में किया अभिनय
कोटा श्रीनिवास राव भारतीय सिनेमा और रंगमच के दिग्गज अभिनेता थे। उन्होंने तेलुगु सिनेमा के साथ अन्य भाषाओं की फिल्मों में भी अभिनय किया। चार दशक से अधिक के करियर में राव ने लगभग 750 फिल्में की थीं और अपनी असाधारण अभिनय प्रतिभा से कई बार दर्शकों के दिल जीते।
कोटा श्रीनिवास राव ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1978 में तेलुगु फिल्म ‘प्रणाम खरीदु’ से की। इसके बाद उन्होंने तेलुगु सिनेमा में अपनी एक अलग पहचान बनाई। उनकी कुछ उल्लेखनीय तेलुगु फिल्में हैं: ‘आहा ना पेल्लांता’, ‘प्रतिघटना, ‘गायम’, ‘शिवा’, ‘यमुडिकी मोगुडु’, ‘कैदी नंबर 786’, ‘यमलीला’, ‘बॉम्बरिल्लु’, ‘अथाडु’, और ‘रेस गुर्राम’।
Heartbroken by the passing of the legendary #KotaSrinivasRao Garu. He was a master of modulation, emotion, and screen presence. I’ve always admired his versatility. I had the privilege of working with him in Dookudu, Ready, and Namo Venkatesa experiences I’ll cherish forever.… pic.twitter.com/Tw0oopX9JB
— Sreenu Vaitla (@SreenuVaitla) July 13, 2025
उनकी हर भूमिका में एक खास गहराई और प्रामाणिकता थी, जो दर्शकों को बांधे रखती थी।
तमिल सिनेमा में उनकी पहली फिल्म ‘सामी’ (2003) थी, जिसमें उन्होंने एक प्रभावशाली खलनायक की भूमिका निभाई। ‘गायम’ में उनके संवाद आज भी सोशल मीडिया पर मीम्स के रूप में लोकप्रिय हैं।
उनकी कॉमेडी भूमिकाएं जैसे ‘आहा ना पेल्लांता’ में लक्ष्मीपति और गंभीर किरदार जैसे ‘इडियट’ में एक दुखी पिता की भूमिका ने उन्हें दर्शकों और आलोचकों का प्रिय बनाया।
कोटा की खासियत थी कि वह हर किरदार को जीवंत कर देते थे। चाहे वह खलनायक हो, हास्य कलाकार हों या भावनात्मक किरदार, उनकी स्क्रीन प्रेजेंस हमेशा प्रभावशाली रही। ‘प्रतिघटना’ में एक भ्रष्ट राजनेता की भूमिका ने उन्हें विशेष प्रशंसा दिलाई।
हिंदी सिनेमा में भी किया काम
हिंदी सिनेमा में भी उन्होंने अपनी छाप छोड़ी। उनकी प्रमुख हिंदी फिल्मों में ‘सरकार’ (2005), ‘डार्लिंग’ (2007), ‘बागी’ (2016), और ‘लक (2009) शामिल हैं। राम गोपाल वर्मा के साथ उन्होंने कई फिल्में कीं, जिनमें से कुछ हिंदी में भी बनाई गई थीं।

पद्मश्री से किया गया सम्मानित
कोटा श्रीनिवास राव को उनके अभिनय के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले। उन्होंने नौ नंदी पुरस्कार जीते, जो तेलुगु सिनेमा में सर्वश्रेष्ठ खलनायक, चरित्र अभिनेता और सहायक अभिनेता की श्रेणियों में दिए गए।
2015 में भारत सरकार ने उन्हें भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया।
फिल्मों से पहले बैंक में किया काम
कोटा श्रीनिवास राव का जन्म आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के कंकिपाडु में एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने रुक्मिणी से विवाह किया और उनके तीन बच्चे थे- दो बेटियां और एक बेटा। उनके बेटे कोटा वेंकट अंजनेय प्रसाद की 20 जून 2010 को हैदराबाद में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई, जो एक अभिनेता थे और ‘सिद्धम’ और ‘गायम 2’ में अपने पिता के साथ नजर आए थे।
उनका छोटा भाई कोटा शंकर राव भी एक अभिनेता हैं और टेलीविजन धारावाहिकों में काम करते हैं। कोटा ने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया। वह पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में काम करते थे, लेकिन रंगमंच और अभिनय के प्रति उनके जुनून ने उन्हें सिनेमा की दुनिया में ला खड़ा किया।
उनकी सादगी और समर्पण ने उन्हें सहकर्मियों और प्रशंसकों के बीच लोकप्रिय बनाया।
बीजेपी के टिकट पर बने विधायक
कोटा श्रीनिवास राव ने राजनीति में भी कदम रखा। 1999 से 2004 तक वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट पर विजयवाड़ा पूर्व विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे। उनकी दोस्त और सह-कलाकार बाबू मोहन ने उन्हें राजनीति में प्रवेश के लिए प्रेरित किया।
उनकी कई फिल्मों में राजनेता की भूमिकाओं को दर्शकों ने खूब सराहा। ‘जुलाई’ में अल्लू अर्जुन के साथ उन्होंने कमाल का काम किया था।
कोटा श्रीनिवास राव ने तेलुगु सिनेमा पर बड़ा असर छोड़ा है। उनकी तेलंगाना बोली और संवाद अदायगी ने उन्हें दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय बनाया। उनकी फिल्मों के संवाद खासकर ‘गायम’ और ‘आहा ना पेल्लांता’ से आज भी सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं।
Inspiring Memes since 1987 #31YearsforAhaNaaPellanta #Brahmanandam #KotaSrinivasRao pic.twitter.com/leKfkdYDC9
— Suresh Productions (@SureshProdns) November 28, 2018
उन्होंने ना केवल मनोरंजन किया, बल्कि कई अभिनेताओं और फिल्म निर्माताओं को प्रेरित भी किया।