सुप्रीट कोर्ट का Udaipur Files फिल्म पर रोक लगाने से इनकार, दिल्ली हाई कोर्ट करेगी याचिकाओं पर सुनवाई

Supreme Court urges Delhi High Court to hear pleas on Udaipur Files. Photo- Instagram

मुंबई। Udaipur Files Controversy: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राजस्थान के कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज से संबंधित मामले में महत्वपूर्ण आदेश जारी किया। जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जोयमाल्या बागची की पीठ ने मामले को दिल्ली हाई कोर्ट को सौंपते हुए निर्देश दिया कि इसकी सुनवाई 28 जुलाई को हो।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उसने फिल्म की रिलीज पर कोई रोक नहीं लगाई है और ना ही मामले की मैरिट पर कोई राय व्यक्त की है। यह मामला अब दिल्ली हाई कोर्ट में तय करेगा कि फिल्म की रिलीज पर अंतरिम रोक जारी रहनी चाहिए या नहीं।

सुप्रीम कोर्ट ने तीन याचिकाओं पर सुनवाई की: एक हत्याकांड के आरोपी मोहम्मद जावेद की, दूसरी निर्माता जानी फायरफॉक्स की और तीसरी सतीश कुमार अग्रवाल की। कोर्ट ने नोट किया कि निर्माताओं ने केंद्र के 21 जुलाई के आदेश को स्वीकार कर लिया है, जिसमें छह कट्स के साथ फिल्म को मंजूरी दी गई थी।

इसलिए, निर्माताओं की याचिका अब अप्रासंगिक हो गई है। फिल्म की रिलीज का विरोध कर रहे याचिकाकर्ताओं को कोर्ट ने निर्देश दिया कि वे केंद्र के इस आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दें। कोर्ट ने यह भी कहा कि वह रिलीज पर रोक को आगे नहीं बढ़ा रहा है और दिल्ली हाई कोर्ट को 28 जुलाई को इस मामले की सुनवाई करनी चाहिए।

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क्या है उदयपुर फाइल्स फिल्म का पूरा विवाद?

‘उदयपुर फाइल्स’ जून 2022 में उदयपुर में हुए कन्हैया लाल की निर्मम हत्या पर आधारित है। पेशे से दर्जी कन्हैया लाल की कथित तौर पर मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस ने हत्या कर दी थी। हत्यारों ने बाद में एक वीडियो जारी कर दावा किया कि पूर्व बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट साझा करने की प्रतिक्रिया के रूप में कन्हैया लाल की हत्या की गई है।

इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है और आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मुकदमा चल रहा है।

फिल्म का निर्माण जानी फायरफॉक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने किया है। इसमें विजय राज, रजनीश दुग्गल, प्रीति झंगियानी जैसे कलाकार हैं। फिल्म 11 जुलाई 2025 को रिलीज होने वाली थी, लेकिन इसके ट्रेलर और प्रचार सामग्री को लेकर विवाद खड़ा हो गया।

दिल्ली हाई कोर्ट ने लगाई फिल्म की रिलीज पर रोक

जमीअत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी और हत्याकांड के एक आरोपी मोहम्मद जावेद सहित कई याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि फिल्म सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ है और मुस्लिम समुदाय को बदनाम करती है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि फिल्म का रिलीज होना जयपुर के एनआईए कोर्ट में चल रहे मुकदमे को प्रभावित कर सकता है।

10 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर अंतरिम रोक लगा दी थी, ताकि केंद्र सरकार सिनेमैटोग्राफ अधिनियम की धारा 6 के तहत फिल्म के सर्टिफिकेशन की समीक्षा कर सके। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को केंद्र के समक्ष संशोधन याचिका दायर करने की अनुमति दी और कहा कि जब तक केंद्र इस पर फैसला नहीं लेता, फिल्म रिलीज नहीं होगी।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचे Udaipur Files के निर्माता

निर्माताओं ने दिल्ली हाई कोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जोयमाल्या बागची की पीठ ने 16 जुलाई को सुनवाई को 21 जुलाई तक स्थगित कर दिया और केंद्र की समिति से तत्काल निर्णय लेने को कहा। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि समिति को आरोपी मोहम्मद जावेद की आपत्तियों को भी सुनना चाहिए।

केंद्र सरकार का 6 अतिरिक्त कट्स का सुझाव

21 जुलाई को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने फिल्म में छह अतिरिक्त कटौतियों का सुझाव दिया है, जिन्हें निर्माताओं ने स्वीकार कर लिया। इनमें डिस्क्लेमर को बोल्ड करना और नूपुर शर्मा का प्रतिनिधित्व करने वाले किरदार ‘नूतन शर्मा’ का नाम बदलना शामिल था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने रिलीज पर रोक को जारी रखा और केंद्र के आदेश को रिकॉर्ड पर लाने को कहा।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने मामले के गुण-दोष पर कोई राय नहीं दी है और दिल्ली हाई कोर्ट स्वतंत्र रूप से इस पर फैसला ले सकता है। कोर्ट ने निर्माताओं और कन्हैया लाल के बेटे को मिल रही धमकियों के संबंध में स्थानीय पुलिस से खतरे का आकलन करने और सुरक्षा प्रदान करने को कहा।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया कि फिल्म किसी विशेष समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह एक विशिष्ट अपराध पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि सीबीएफसी के सुझाव पर पहले ही 55 कट्स किये जा चुके हैं और अतिरिक्त छह कटौतियों के साथ यह सुनिश्चित किया गया है कि फिल्म सांप्रदायिक उन्माद को नहीं भड़काएगी।

8 अगस्त को रिलीज होगी फिल्म

एनडीटीवी ने निर्देशक भरत श्रीनेत के हवाले से खबर दी है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मेकर्स अब फिल्म को 8 अगस्त को रिलीज करने की तैयारी कर रहे हैं।