मुंबई। 50 Years Of Sholay: हिंदी सिनेमा की आइकॉनिक फिल्म शोले ने बीते 15 अगस्त को 50 साल का सफर पूरा कर लिया। हिंदी फिल्मों के प्रेमियों के दिलो-जहन में बसी इस फिल्म की कहानी और किरदार से लेकर संवाद तक लोगों को जुबानी याद हैं।
साम्भा, सूरमा भोपाली, कालिया, जेलर, हरिराम नाई जैसे छोटे-छोटे किरदार, जो एक-दो सीन में आये, वो तक लोगों की यादों में पैबस्त हैं, मगर कुछ फनकार ऐसे भी थे, जिन्होंने पर्दे के पीछे रहकर शोले को शोले बनाने में अहम योगदान दिया।
धर्मेंद्र ने शेयर की शोले के सेट की फोटो
इन्हीं में से एक थे फिल्म के डीओपी यानी डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी द्वारका दिवेचा। हीरो को हीरो और विलेन को विलेन दिखाने में कैमरे की खास भूमिका होती है। शोले के सुनहरे सफर को याद करते हुए सबकी बात हुई मगर, द्वारका दिवेचा को सबने भुला दिया।
अब धर्मेंद्र ने उनके साथ एक तस्वीर पोस्ट करके उन्हें याद किया। तस्वीर शोले के सेट की है और धर्मेंद्र वीरू के गेटअप में हैं और वो द्वारका दिवेचा के कंधे पर हाथ रखकर खड़े हैं, किसी दोस्त की तरह। द्वारका दिवेचा के चेहरे पर मुस्कान है।
इस फोटो के साथ वीरू ने लिखा- स्वर्गीय श्री द्वारका दिवेचा, शोले के डायरेक्टर ऑफ सिनेमैटोग्राफी। वो हम सबके साथ हमेशा बहुत प्यार करने वाले और दोस्ताना रहे। कैमरे के पीछे रहने वाले लोगों को मुश्किल से याद रखा जाता है, जबकि वो हमें पर्दे पर लेकर आते हैं। कृपया उनकी बायोग्राफी पढ़िए।

धर्मेंद्र की इस पोस्ट पर एशा देओल और बॉबी देओल ने हार्ट की इमोजी बनाकर प्यार जताया है।
कौन थे द्वारका दिवेचा?
1918 में मुंबई में जन्मे द्वारका दिवेचा जाने-माने सिनेमैटोग्राफर होने के साथ अभिनेता भी थे। लगभग 30 फिल्मों में उन्होंने बतौर कैमरामैन और सिनेमैटोग्राफर काम किया था। 1955 में ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म यास्मीन के लिए उन्होंने बेस्ट सिनेमैटोग्राफी में पुरस्कार जीता था।
1960 में आई फिल्म सिंगापुर में उन्होंने अभिनय किया था।
शोले में उन्होंने सिनेमैटोग्राफी के साथ सेट क्रिएट करने और स्पेशल इफेक्ट्स बनाने में मदद की थी। द्वारका दिवेचा निधन फिल्म की रिलीज के तीन साल बाद 1978 में हो गया था। 1978 में आई तृष्णा उनके निधन के बाद रिलीज हुई थी।