मुंबई। Achyut Potdar Death: सोशल मीडिया में अगर आप बहुत सक्रिय हैं तो अक्सर एक मीम नजरों से जरूर गुजरता होगा- अरे भई, कहना क्या चाहते हो? जब भी स्थिति ऐसी हो कि बात समझ में ना आए तो जेनजी के की-बोर्ड वारियर कमेंट सेक्शन में यह मीम छोड़कर चले जाते हैं।
जो थोड़ा जानकार हैं, वो जानते हैं कि यह मीम आमिर खान की ब्लॉकबस्टर फिल्म 3 इडियट्स के एक सीन को लेकर बनाया गया है। जो थोड़ा ज्यादा जानते हैं, उन्हें पता है कि इस मीम में कॉलेज प्रोफेसर बने कलाकार अच्युत पोतदार हैं, जो जेन जी के लिए मीम मैटेरियल हैं। मगर, वेटरन एक्टर अच्युत पोतदार की पहचान और सिनेमा में उपलब्धियां इससे कहीं ज्यादा हैं।
जन्मदिन से 4 दिन पहले छोड़ी दुनिया
18 अगस्त को अपने 91वें जन्म दिन से चार दिन पहले उनका निधन हो गया। लीजेंड्री अभिनेता के गुजरने से इंडस्ट्री में शोक की लहर छा गई है। उन्हें जानने वाले श्रद्धांजलि देते हुए याद कर रहे हैं। फिल्ममेकर हंसल मेहता की डेब्यू फिल्म में अच्युत पोतदार ने एक भूमिका निभाई थी।
हंसल ने लिखा- मैं जग्गू दादा के पिता के किरदार के लिए उनका फैन था। अंगार में वो जिस तरह कहते थे- ए जग्गू, उससे मैंं उनका फैन बन गया। उन्हें अपनी डेब्यू फिल्म जयते में निर्देशित करने का मुझे सौभाग्य मिला। उन्होंने प्रोफेशनल मेडिकल गवाह का रोल निभाया था। जबरदस्त टाइमिंग और ह्यूमर। अच्युत पोतदार सर, अच्छे से सफर कीजिए।
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5 साल फौज में दी सर्विस
अच्युत पोटदार का जन्म 22 अगस्त 1934 को जबलपुर, मध्य प्रदेश में एक मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका बचपन इंदौर में बीता। उन्होंने 1961 में अर्थशास्त्र में स्नातक किया, जहां वे प्रथम स्थान पर रहे और विश्वविद्यालय पदक प्राप्त किया।
शिक्षा के बाद, उन्होंने भारतीय सेना में प्रवेश किया और 1962 से 1967 तक सेवा दी, जहां वे कैप्टन के पद से सेवानिवृत्त हुए। सेना के बाद, उन्होंने इंडियन ऑयल में लगभग 25 वर्षों तक कार्यकारी के रूप में काम किया और 1992 में 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हुए।
46 साल की उम्र में किया डेब्यू
अभिनय की दुनिया में पोतदार ने 46 वर्ष की उम्र में गोविंद निहलानी की लीगल ड्रामा फिल्म आक्रोश से कदम रखा था। फिल्म में उन्होंने नेगेटिव रोल प्ले किया था। गोविंद का भी यह डायरेक्टोरियल डेब्यू था।
उन्होंने अभिनय को एक गंभीर शौक के रूप में अपनाया और कभी भूमिकाओं की तलाश नहीं की। वे केवल उन प्रस्तावों को स्वीकार करते थे, जो उनके पास आते थे। उनका फिल्मी सफर 1980 से शुरू हुआ और 2019 तक चला।

वे विधु विनोद चोपड़ा की फिल्मों में एक नियमित चेहरा थे। पोतदार ने 125 से अधिक बॉलीवुड और मराठी फिल्मों में काम किया, साथ ही 95 धारावाहिकों, 26 नाटकों और 45 विज्ञापनों में अपनी प्रतिभा दिखाई।
उनकी यादगार फिल्मों में आक्रोश (1980), 3 इडियट्स (2009), लगे रहो मुन्नाभाई (2006), रंगीला, परिणीता, भूतनाथ, राजू बन गया जेंटलमैन, दबंग 2, फरारी की सवारी, यशवंत (1997), सुरक्षा, रिश्ते (2002) और अ मैरिड वुमन (2005) शामिल हैं।
अच्युत पोतदार का जीवन विविधताओं से भरा था। सेना से लेकर कॉर्पोरेट और फिर अभिनय तक। उनका निधन भारतीय सिनेमा के लिए एक अपूरणीय क्षति है। वे हमेशा अपनी सादगी और समर्पण के लिए याद किए जाएंगे।