मुंबई। Mohanlal Dadasaheb Phalke Award: दिल्ली के विज्ञान भवन में मंगलवार को आयोजित समारोह में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के साथ भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान दादासाहेब फाल्के पुरस्कार भी प्रदान किया गया। 2023 के लिए यह सम्मान मलयालम सिनेमा के दिग्गज अभिनेता मोहनलाल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों मिला।
पहली बार 2004 में मलयालम सिनेमा को मिला यह अवॉर्ड
18 साल की उम्र में करियर शुरू करने वाले मोहनलाल ने 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है, जिनमें मलयालम के अलावा तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी फिल्में भी शामिल हैं। दिलचस्प तथ्य यह है कि मोहनलाल दादासाहेब फाल्के पुरस्कार पाने वाले मलयालम सिनेमा के पहले अभिनेता हैं।
अदूर गोपालकृष्णन दादासाहेब फाल्के पुरस्कार पाने वाले पहले मलयाली फिल्मकार हैं। न्यू वेव सिनेमा मूवमेंट के पैरोकार अदूर गोपाल कृष्णन को 2004 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया था।
मोहनलाल को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार मिलने से मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के साथ पूरी दक्षिण भारतीय इंडस्ट्री खुशियां मना रही है। साउथ की सभी भाषाओं के चर्चित कलाकारों ने मोहनलाल को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
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हर तरह के सिनेमा से जीते दिल
मोहनलाल एक ऐसे अभिनेता माने जाते हैं, जिन्होंने विशुद्ध मसाला फिल्मों के साथ कलात्मक और रियलिस्टिक फिल्मों में भी अभिनय किया और लोगों के दिल जीते।
कम लोगों को जानकारी होगी कि वो चार बार नेशनल फिल्म अवॉर्ड भी जीत चुके हैं। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में उन्हें पहली बार 1989 की फिल्म क्रीडम के लिए स्पेशन मेंशन मिला था। 1991 में मलयालम फिल्म भारतम के लिए मोहनलाल ने बेस्ट एक्टर कैटेगरी में पहला नेशनल अवॉर्ड जीता।
1999 में आई मलयालम फिल्म वानप्रस्थम के लिए उन्हें दो नेशनल अवॉर्ड मिले। इस फिल्म के निर्माता होने के कारण बेस्ट फिचर फिल्म और अभिनेता होने के कारण बेस्ट एक्टर कैटेगरी में उन्होंने नेशनल अवॉर्ड जीते थे।
2016 में मोहनलाल ने कमाल ही कर दिया था। उन्हें तेलुगु और मलयालम, दोनों भाषाओं के लिए नेशनल अवॉर्ड मिले। तेलुगु फिल्म जनता गैरेज और मलायलम फिल्मों Munthirivallikal Thalirkkumbol व पुलीमुरुगन के लिए स्पेशल ज्यूरी अवॉर्ड जीते थे।