मुंबई। Pankaj Dheer Death: भारतीय टेलीविजन और फिल्म जगत के दिग्गज अभिनेता पंकज धीर का आज 15 अक्टूबर को 68 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे और आखिरकार इस बीमारी से जंग हार गये।
पंकज धीर को बी.आर. चोपड़ा के धारावाहिक महाभारत में कर्ण की भूमिका के लिए विशेष रूप से याद किया जाता है, जिसने उन्हें घर-घर में लोकप्रिय बना दिया। पंकज के निधन से फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में शोक की लहर छा गई है।
कई सह-कलाकारों और प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पंकज धीर का योगदान भारतीय टेलीविजन इतिहास में अमर रहेगा, खासकर ‘महाभारत’ जैसे क्लासिक शो के माध्यम से। उनकी कमी को भरना मुश्किल होगा, लेकिन उनकी यादें और भूमिकाएं हमेशा जीवित रहेंगी।
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अनुपम खेर ने एक्स पर लिखा- मेरे दोस्त और कई फिल्मों में मेरे सह कलाकार रहे पंकज धीर के निधन के बारे में जानकर ब़ड़ा दुख हुआ। वे बहुत खुशमिजाज और मददगार किस्म के व्यक्ति थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार और दोस्तों को दुख सहन करने की शक्ति।
रणदीप हुड्डा ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए लिखा- पंकज धीर जी के निधन से दुख हुआ। एक जबरदस्त अदाकार और पर्दे के इस पार एक गरिमामयी शख्सियत। परिवार और उनके चाहने वालों के लिए मेरी गहरी संवेदनाएं।
पंकज धीर का अंतिम संस्कार बुधवार को किया गया। इस दौरान सलमान खान, सिद्धार्थ मल्होत्रा, अरबाज खान समेत कई सेलिब्रिटीज ने अंतिम यात्रा में शामिल होकर श्रद्धांजलि दी।
अभिनेता निकितिन धीर के पिता थे पंकज धीर
पंकज धीर का जन्म 9 नवंबर 1956 को पंजाब में हुआ था। उन्होंने 1979 में अनीता धीर से शादी की और उनके एक बेटे निकितिन धीर हैं, जो खुद एक अभिनेता हैं। निकितिन ने अभिनेत्री कृतिका सेंगर से शादी की है।
निकितिन ने मंगलवार को एक क्रिप्टिक पोस्ट इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखी थी, जिसमें उन्होंने लिखा था- जो भी आए, आने दो। जो रहता है, उसे रहने दो। जो जाता है, उसे जाने दो। शिवभक्त के रूप में शिवप्रणाम कहो और आगे बढ़ जाए। वो ख्याल रखेंगे। इसके साथ निकितिन ने लिखा- करना बहुत मुश्किल है।

कर्ण के किरदार ने घर-घर में किया मशहूर
पंकज धीर ने 1970 से 2025 तक हिंदी फिल्मों और टीवी सीरीज में काम किया। उनकी सबसे यादगार भूमिका 1988-1990 में ‘महाभारत’ में कर्ण की थी, जिसके बाद उनकी तस्वीरें पाठ्यपुस्तकों में कर्ण के संदर्भ के रूप में इस्तेमाल की गईं और करनाल तथा बस्तर के मंदिरों में उनकी मूर्तियां पूजी जाती हैं।
इसके अलावा, उन्होंने ‘जी हॉरर शो’ के पहले एपिसोड ‘दस्तक’ में मुख्य भूमिका निभाई, ‘कानून’ में वकील की भूमिका की, ‘द ग्रेट मराठा’ में सदाशिवराव भाऊ, ‘चंद्रकांता’ में राजा शिवदत्त, ‘युग’ में अली खान, ‘महाभारत कथा’ में फिर से कर्ण, ‘ससुराल सिमर का’ में जमनालाल द्विवेदी, ‘देवों के देव…महादेव’ में हिमावत, ‘बढ़ो बहू’ में ठाकुर रघुवीर सिंह अहलावत, ‘अजूनी’ में रवींद्र सिंह बग्गा और ‘ध्रुव तारा – समय सदी से परे’ में गिरिराज जैसी भूमिकाएं निभाईं।

फिल्मों में उन्होंने ‘सड़क’ (1991) में इंस्पेक्टर ईरानी, ‘सोल्जर’ (1998) में विजय मल्होत्रा, ‘बादशाह’ (1999) में चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर खन्ना, ‘अंदाज’ (2003) में प्रोफेसर रोहित मल्होत्रा और ‘गिप्पी’ (2013) में पापाजी जैसी छोटी लेकिन प्रभावशाली भूमिकाएं कीं।
उन्होंने 1970 में ‘परवाना’ और 2014 में ‘माय फादर गॉडफादर’ फिल्मों का निर्देशन भी किया। 2006 में उन्होंने अपने भाई सतलुज धीर के साथ मुंबई के जोगेश्वरी में ‘विसेज स्टूडियोज’ नाम के शूटिंग स्टूडियो स्थापित किया।
2010 में उन्होंने ‘अभिनय एक्टिंग एकेडमी’ खोली, जहां अभिनेता गुफी पेंटल फैकल्टी हेड थे।