मुंबई। Piyush Pandey Death: भारतीय विज्ञापन उद्योग के पितामह कहे जाने वाले पीयूष पांडेय का 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। वह ओगिल्वी इंडिया के कार्यकारी चेयरमैन और चीफ क्रिएटिव ऑफिसर वर्ल्डवाइड थे। पीयूष फेविकोल, कैडबरी, एशियन पेंट्स जैसे कई ब्रांड्स के लिए आइकॉनिक कैम्पेंस के लिए जाने जाते थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 70 साल के पीयूष शारीरिक संक्रमण से जूझ रहे थे, जो बाद में गम्भीर हो गया। उनका अंतिम संस्कार मुंबई के शिवाजी पार्क में आज किया जाएगा।
उनका निधन विज्ञापन जगत और रचनाशीलता के लिए एक बड़ी क्षति है। पीयूष ने भारतीय विज्ञापनों को देसी पहचान दी थी। उनके निधन पर कई बॉलीवुड सेलिब्रिटीज समेत कई गणमान्य लोगों ने भी शोक व्यक्त किया।
पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पीयूष पांडेय को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा- श्री पीयूष पांडेय अपनी रचनाशीलता के लिए जाने जाते थे। विज्ञापन और संचार की दुनिया में उनका योगदान बहुत बड़ा है। मैं उनके साथ बिताये पलों को याद रखूंगा। उनके जाने से दुखी हूं। मेरी भावनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने लिखा- पद्म श्री पीयूष पांडेय के निधन पर अपना दुख व्यक्त करने के लिए मेरे पास वाकई शब्द नहीं हैं। विज्ञापन की दुनिया में वो एक प्रतीक की तरह थे। उनकी रचनाशीलता ने कहानी कहने के अंदाज को बदल दिया और हमें कई यादगार नैरेटिव्स दिये।
मेरे लिए वो एक दोस्त थे, जिनकी मेधा उनकी ऑथेंटिसिटी, गर्मजोशी और वाक चातुर्य में झलकती थी। मैं हमेशा हमारी बातचीत याद रखूंगा। उनके परिवार दोस्तों और चाहने वालों के प्रति मेरी संवेदनाएं।
शाह रुख खान समेत बॉलीवुड सेलिब्रिटीज ने किया याद
शाह रुख खान ने लीजेंड्री एडमैन को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा- पीयूष पांडेय के साथ काम करना और उनके आसपास रहना हमेशा सहज और मजेदार होता था। मेरे लिए सम्मान की बात है कि उन्होंने जो करिश्मा किया, मैं उसका हिस्सा बना। उन्होंने अपनी मेधा बहुत सहजता से लिया और विज्ञापन इंडस्ट्री में क्रांति ला दी।

विवेक अग्निहोत्री ने पीयूष पांडेय के देसीपन को केंद्र में रखते हुए भारतीय विज्ञापन जगत में उनके योगदान को याद किया।
हंसल मेहता ने एक्स पर लिखा- फेविकॉल का जोड़ टूट गया। ए़ वर्ल्ड ने आज अपना ग्लू खो दिया। पीयूष पांडेय अच्छे से जाना।
रणवीर शौरी ने लिखा- यह सुनकर दिल टूट गया। सौभाग्यवश, कुछ मौकों पर मुझे पीयूष सर के साथ काम करने का मौका मिला। वो माने हुए जीनियस थे, जो सकारात्मक ऊर्जा से भरे हुए थे। हमेशा नौजवानों को बेहतर करने में मदद करते थे। ठीक से जाइए सर। आपकी याद आएगी और कमी खलेगी। उन्हें दिल से सम्मान और उनके चाहने वालों के लिए संवेदनाएं।
पीयूष पांडेय की उपलब्धियां और विरासत
पीयूष पांडेय का जन्म 1955 में हुआ था। वे प्रसिद्ध गायिका इला अरुण और विज्ञापन फिल्ममेकर प्रसून पांडेय के भाई थे। उन्होंने अपनी करियर की शुरुआत ओगिल्वी एंड माथर (O&M) में की, जहां वे 40 से अधिक वर्षों तक जुड़े रहे। वे कंपनी के चीफ क्रिएटिव ऑफिसर वर्ल्डवाइड और एग्जीक्यूटिव चेयरमैन इंडिया एंड साउथ एशिया के पद पर पहुंचे।
पीयूष ने विज्ञापनों को सिर्फ प्रोडक्ट बेचने का माध्यम नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी कहानियों का रूप दिया। पीयूष पांडेय को भारतीय विज्ञापन जगत का ‘वॉइस’ कहा जाता था।
उनकी कुछ प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं:
मोदी सरकार के लिए अबकी बार मोदी सरकार और अच्छे दिन आने वाले हैं, पीयूष पांडेय की ही देन हैं। गुजरात टूरिज्म के लिए उन्होंने सरकारी विज्ञापन बनाये। अमिताभ बच्चन के साथ पोलियो विज्ञापनों के लिए पीयूष जाने जाते हैं।
1988 में नेशनल इंटीग्रेशन के लिए बनाया गया आइकॉनिक वीडियो मिले सुर मेरा तुम्हारा के गीत उन्होंने ही लिखे थे। भपाल एक्सप्रेस फिल्म के वो सह-लेखक थे।
आइकॉनिक कैंपेन: उन्होंने फेविकोल के ‘दम लगाके हइशा’ और ‘पकड़े रहो’, कैडबरी के ‘कुछ मीठा हो जाए’ और ‘डांसिंग गर्ल’, एशियन पेंट्स के ‘हर घर कुछ कहता है’, हच (अब वोडाफोन) के ‘पग’ एड जैसी यादगार कैंपेन बनाईं, जो भारतीय पॉप कल्चर का हिस्सा बन गईं। इन कैंपेन ने विज्ञापनों को मनोरंजक और भावनात्मक बनाया।
पीयूष ने 500 से अधिक भारतीय विज्ञापन पुरस्कार जीते। 2018 में वे और उनके भाई प्रसून पांडेय कांस लायंस इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ क्रिएटिविटी में लायन ऑफ सेंट मार्क पुरस्कार पाने वाले पहले एशियाई बने, जो लाइफटाइम अचीवमेंट का सर्वोच्च सम्मान है। भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया।
उनके नेतृत्व में O&M को भारत की सबसे क्रिएटिव एजेंसी का खिताब 9 बार मिला। उन्होंने भारतीय विज्ञापनों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई और एडवरटाइजिंग को ‘इंडियन टच’ दिया, जहां कहानियां आम लोगों की जिंदगी से निकलती थीं। वे इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा लगातार 8 वर्षों तक भारतीय विज्ञापन के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति चुने गए।
पीयूष पांडेय ने विज्ञापन को एक कला का रूप दिया, जो ना केवल प्रोडक्ट बेचता था, बल्कि लोगों के दिलों को छूता था। उनकी क्रिएटिविटी ने कई युवा एडमेकर्स को प्रेरित किया।

