मुंबई। Udaipur Files Release: दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को ‘उदयपुर फाइल्स: कन्हैयालाल टेलर मर्डर’ की रिलीज पर रोक लगा दी, जो 11 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी।
यह निर्णय जमीयत उलेमा-ए-हिंद और अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर याचिकाओं के बाद आया है, जिन्होंने फिल्म के कंटेंट को साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए खतरा बताया था और सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) द्वारा दी गई मंजूरी को चुनौती दी थी।
केंद्र सरकार के फैसले तक फिल्म पर रोक
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी और अन्य याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि फिल्म का ट्रेलर, जो 26 जून को रिलीज हुआ, साम्प्रदायिक तनाव को भड़काने वाला है और यह एक पूरे समुदाय को निशाना बनाता है।
उन्होंने दावा किया कि फिल्म ना केवल नफरत को बढ़ावा देती है, बल्कि चल रहे मुकदमे को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे आरोपियों के निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार को खतरा है।
मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल की बेंच ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे अपनी शिकायत के साथ दो दिनों के भीतर केंद्र सरकार से संपर्क करें। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने अभी तक सिनेमैटोग्राफ एक्ट की धारा 6 के तहत उपलब्ध संशोधन उपाय का उपयोग नहीं किया है।
कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि जब तक केंद्र सरकार याचिकाकर्ताओं की अंतरिम राहत की अर्जी पर फैसला नहीं ले लेती, तब तक फिल्म की रिलीज पर रोक रहेगी।
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#WATCH | Delhi High Court stays the release of the film “Udaipur Files: Kanhaiya Lal Tailor Murder” until the Central Government decides on the revision application filed by Jamiat Ulema-i-Hind challenging the CBFC’s certification of the film.
— ANI (@ANI) July 10, 2025
Senior advocate Fuzail Ahmad… https://t.co/PAMbiMhBU2 pic.twitter.com/MvTmEoD2U8
निर्माता के वकील ने कहा- फिल्म में कुछ गलत नहीं
दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले से फिल्म की रिलीज अब केंद्र सरकार के फैसले पर निर्भर है, जो सिनेमैटोग्राफ एक्ट की धारा 6 के तहत फिल्म की सामग्री की समीक्षा करेगी। याचिकाकर्ताओं को सात दिनों के भीतर इस मामले पर निर्णय लेने का निर्देश दिया गया है। तब तक, फिल्म के निर्माताओं और दर्शकों को इंतजार करना होगा।
निर्माता अमित जानी के वकील पुलकित अग्रवाल ने कहा कि ऑर्डर पूरा पढ़ने के बाद तय करेंगे, क्या करना है। उन्होंने बताया कि पिटीशनर के काउंसल को कल पिक्चर दिखाई गई थी। अगर फिल्म में कुछ होता तो सेंसर सर्टिफिकेट ही जारी नहीं होता। पूरी बात नीचे सुनिए:
#WATCH | Delhi High Court stays the release of the film “Udaipur Files: Kanhaiya Lal Tailor Murder” until the Central Government decides on the revision application filed by Jamiat Ulema-i-Hind challenging the CBFC’s certification of the film.
— ANI (@ANI) July 10, 2025
Advocate Pulkit Agarwal, counsel… https://t.co/PAMbiMhBU2 pic.twitter.com/iV4zn7U0HV
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था। जस्टिस सुधांशु धूलिया और जॉयमाला बागची की बेंच ने मौखिक रूप से टिप्पणी की थी, “फिल्म को रिलीज होने दें।”
हालांकि, कपिल सिब्बल ने दिल्ली हाई कोर्ट में स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट ने केवल तत्काल सुनवाई की मांग को खारिज किया था, ना कि रिलीज पर रोक की मांग को। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद नियमित बेंच के समक्ष उठाने का निर्देश दिया था।
Udaipur Files पर क्यों हो रहा विवाद?
फिल्म का ट्रेलर और इसका कंटेंट विवाद का मुख्य कारण रहा है। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि ट्रेलर में नूपुर शर्मा के विवादित बयानों का जिक्र है, जिसके कारण 2022 में साम्प्रदायिक तनाव भड़का था। इसके अलावा, ट्रेलर में कुछ दृश्यों को एक समुदाय को नकारात्मक रूप से चित्रित करने वाला बताया गया, जिसमें धार्मिक नेताओं को आपत्तिजनक गतिविधियों में शामिल दिखाया गया है।
दूसरी ओर, सूचना और प्रसारण मंत्रालय और सीबीएफसी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने बताया कि फिल्म से 40-50 आपत्तिजनक हिस्सों को पहले ही हटा दिया गया है और यह एक अपराध-केंद्रित कहानी है, जो सामाजिक एकता का संदेश देती है। हालांकि, कोर्ट ने इस तर्क पर सवाल उठाया कि फिल्म में कुछ दृश्यों का कन्हैयालाल की हत्या से क्या संबंध है।
क्या है कन्हैया लाल मर्डर केस?
उदयपुर फाइल्स’ 2022 में राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की जघन्य हत्या पर आधारित है। इस हत्याकांड में दो व्यक्तियों, मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस को मुख्य आरोपी बनाया गया था, जिन्होंने कथित तौर पर कन्हैयालाल की हत्या पूर्व बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के समर्थन में उनके सोशल मीडिया पोस्ट के जवाब में की थी।
इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा की गई और आरोपी गैरकानूनी गतिविधियां निवारण अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किये गये हैं। वर्तमान में यह मामला जयपुर के विशेष एनआईए कोर्ट में विचाराधीन है।
‘उदयपुर फाइल्स’ में अभिनेता विजय राज मुख्य भूमिका में हैं, जो कन्हैयालाल की भूमिका निभा रहे हैं। फिल्म का निर्देशन भरत एस. श्रीनेत और जयंत सिन्हा ने किया है। कहानी अमित जानी, भरत सिंह और जयंत सिन्हा ने लिखी है। फिल्म में प्रीति और मुश्ताक खान जैसे अभिनेता भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं।
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