मुंबई। Rajinikanth 75th Birthday: भारत सिनेमा के सबसे बड़े सितारों में से एक थलाइवा रजनीकांत 12 दिसम्बर को अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं। जीवन के इस अहम पड़ाव पर उन्हें सोशल मीडिया में बधाइयां दी जा रही हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी साउथ के सुपरस्टार को जन्मदिन की बधाई दी है।
पीएम मोदी और तमिल सीएम ने दी बधाई
पीएम मोदी ने अपने एक्स एकाउंट पर रजनीकांत को बधाई देते हुए लिखा- थीरू रजनीकांत जी के लिए 75वें जन्मदिन के खास अवसर पर शुभकामनाएं। उनके परफॉर्मेंसेज ने कई पीढ़ियों को प्रभावित किया और बड़े पैमाने पर प्रशांस मिली। उनका काम विभिन्न तरह के किरदारों और जॉनर्स में नजर आता है, जिसके जरिए उन्हें निरंतर बेंचमार्च स्थापित किये हैं।
यह साल उनके लिए इसलिए भी यादगार रहेगा, क्योंकि सिनेमा के संसार में उन्होंने 50 साल पूरे किये हैं। उनकी लम्बी उम्र और स्वास्थ्य की लिए मेरी प्रार्थनाएं।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रजनीकांत के साथ अपनी एक तस्वीर शेयर करके लिखा- रजनीकांत यानी ऐसा करिश्मा जो उम्र को हरा दे। वाक पटुता ऐसी कि जब वो स्टेज पर आएं तो हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाए। किसी छलावे और दिखावे से रहित दिल। आधी सदी से लोगों को सम्मोहित करने वाले मेरे दोस्त रजनीकांत को जन्मदिन की दिली मुबारकबाद।
ईश्वर करे वो ऐसे ही एक से बढ़कर एक क्रिएशंस देते रहें और लोगों के प्यार और समर्थन से उनका विजयी रथ आगे बढ़ता रहे।
सोशल मीडिया में फैंस और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग रजनीकांत को जन्मदिन की शुभकामनाएं दे रहे हैं। कमल हासन ने अपने दोस्त और कई फिल्मों के को-स्टार को बधाई देते हुए लिखा- एक अनुकरणीय जीवन के 75 साल। लीजेंड्री सिनेमा के 50 साल। मेरे दोस्त रजनीकांत, जन्मदिन की बधाई।
मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार रजनीकांत ने थलाइवा को जन्मदिन की बधाई देते हुए लिखा- प्रिय रजनीकांत सर के लिए जन्मदिन की ढेर सारी बधाई। सिनेमा में आपने 50 साल पूरे किये हैं। अपने मूल्यों, शक्ति और असाधारण जज्बे से पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए आपका शुक्रिया। ईश्वर आपको हमेशा शांति, सेहत और खुशियां दे।
तमिल सुपरस्टार धनुष ने रजनीकांत को बधाई देते हुए लिखा- हैप्पी बर्थडे थलाइवा।
मुश्किलों में बीता बचपन
रजनीकांत का जन्म 12 दिसंबर 1950 को बैंगलोर (अब बेंगलुरु), कर्नाटक में एक मराठी परिवार में हुआ था। उनके पिता रामोजी राव गायकवाड़ पुलिस कांस्टेबल थे, जबकि मां जीजाबाई घर संभालती थीं। चार भाई-बहनों में सबसे छोटे रजनीकांत ने बचपन में ही मां को खो दिया, जब वे मात्र 9 साल के थे।
परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उन्होंने कई छोटे-मोटे काम किए। बढ़ई का काम, कुली का काम और फिर बैंगलोर ट्रांसपोर्ट सर्विस में बस कंडक्टर की नौकरी।
इसी दौरान उन्होंने नाटकों में अभिनय करना शुरू किया, जो उनके अभिनय की शुरुआत थी। अभिनय की दुनिया में कदम रखने के लिए रजनीकांत ने मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया। यहां उनकी मुलाकात निर्देशक के. बालाचंदर से हुई, जिन्होंने उन्हें ‘रजनीकांत’ नाम दिया और फिल्मों में ब्रेक दिया।
बालाचंदर ने कहा था, “यह लड़का सितारा बनेगा।” और वाकई, यह भविष्यवाणी सही साबित हुई।
1975 में किया था डेब्यू
रजनीकांत ने 1975 में तमिल फिल्म ‘अपूर्व रागंगल’ से डेब्यू किया, जिसमें वे एक सपोर्टिंग रोल में थे। शुरुआती सालों में वे ज्यादातर नेगेटिव रोल्स में नजर आए, जैसे ‘मूंड्रू मुगम’ में ट्रिपल रोल। लेकिन 1978 की फिल्म ‘भैरवी’ में पहली बार लीड रोल मिला, और उन्हें ‘सुपरस्टार’ का टाइटल दिया गया।
1980 के दशक में उनकी फिल्में जैसे ‘बिल्ला’, ‘मुरट्टू कालई’, ‘पोक्किरी राजा’ ने उन्हें एक्शन हीरो के रूप में स्थापित किया। उनकी अनोखी स्टाइल – सिगरेट फ्लिप करना, चश्मा घुमाना और तेज डायलॉग डिलीवरी ने दर्शकों को दीवाना बना दिया।
हिंदी सिनेमा में ‘अंधा कानून’ (1983) के साथ कदम रखा, जिसमें अमिताभ बच्चन ने स्पेशल एपीयरेंस किया था और हेमा मालिनी ने लीड रोल निभाया था, लेकिन उनका मुख्य फोकस तमिल सिनेमा रहा। 1990 के दशक में ‘बाशा’ (1995), ‘मुथु’ (1995) जापान में सुपरहिट हुई और ‘अरुणाचलम’ (1997) जैसी फिल्मों ने उन्हें वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई।
‘मुथु’ ने जापान में इतनी कमाई की कि रजनीकांत वहां के सबसे लोकप्रिय भारतीय अभिनेता बन गए।

